कविता दिवस
कविता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें
कविता बन मैं सजु किसी के अधरों पर।
उसकी अभिव्यक्ति बन छा जाऊँ उसके उदयन मन पर।
सहज भाव की धारा में निरंतर बहती जाऊँ।
तृप्त करके निर्जीव जीवन को साँसे मैं दे जाऊँ।
सृजन मेरे से हो उसका एक नवनीत चरित्र।
लहराए उमंगे सार बनके नया एक संगीत।
उसके मन के उदगारों में उत्कृष्ट प्रेम समाए।
व्याकुल चित को नये आयाम की राह मिल जाए।
रुधिर बन बहु उसकी नस नस में।
पहचान बनाए अपनी अलग आज के युग में।
नीलम गुप्ता 🌹🌹(नजरिया )🌹🌹
दिल्ली
Satesh Dev Pandey
25-Mar-2021 07:18 AM
बहुत ही सुन्दर रचना
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